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‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन’
8 मार्च 2010 आजमगढ़। आज दिनांक 8 मार्च 2010 दिन सोमवार को नगर के प्रगति नगर (कोल-बाज बहादुर) में ग्रामीण विकास, शिक्षा एवं महिला मुद्दों पर कार्यरत संस्था ‘यू0डी0एस0 ग्रामीण विकास एवं शैक्षिक संस्थान’ के तत्वावधान में ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर ‘महिला जागृति के विविध आयाम’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डा0 वेद प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि महिलाओं की उपेक्षा करके कोई भी समाज अथवा राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता। सच यह है कि महिलाएं पुरूषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। पुरूषों के मन में नारी के प्रति जब तक सकारात्मक सोच विकसित नहीं होगी तब तक सामाजिक संरचना को ठोस आधार नहीं प्राप्त होगा। डाॅ0 शुचिता श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि पुरूषों के मन में नारी के प्रति हीन ग्रन्थि जब तक समाप्त नहीं होगी तब तक नारी को उसका अधिकार नहीं प्राप्त हो सकेगा। डाॅ0 माधुरी गुप्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि नारी को अपने अधिकारों के प्रति सचेष्ट होना होगा, केवल मांगने से ही अधिकार प्राप्त नहीं होता।
विशिष्ट अतिथि डाॅ0 मातबर मिश्र ने नारी के शैक्षिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नारी का सम्पूर्ण उत्थान उसकी शैक्षिक चेतना में निहित है। संगोष्ठी की संयोजिका अर्चना सिंह ने नारी को सामाजिक संरचना का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए उसकी उपेक्षा पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। जेण्डर आधारित भेद-भाव तथा इसके आधार पर होने वाली हिंसा को समाप्त किया जाना चाहिए जिससे कि सुन्दर समाज की स्थापना हो सके।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में डाॅ0 श्रीनाथ सहाय ने कहा कि नारी सम्पूर्ण मानवता की पोषिका है, उसके प्रति विभेद की दृष्टि कदापि उचित नहीं है। डाॅ0 सहाय ने कहा कि नारी का सम्मान भारतीय संस्कृति की मूल अवधारणा रही है, इसका समादर होना ही चाहिए।
इस अवसर पर आर0डी0यादव, लीला मिश्रा, श्रीमती कुमुद उपाध्याय, डी0एन0 श्रीवास्तव आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता एवं यू0डी0एस0 ग्रामीण विकास एवं शैक्षिक संस्थान के संयोजक बृजेश कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर संस्थान के सदस्य एवं पदाधिकारीगण तथा सम्मानित प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।
दिनांक – 08.03.2010
(बृजेश कुमार सिंह)
मो0- 9415840937
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